पहचान -शनि और चंद्र की युति या शनि की चंद्र पर सप्तम दृष्टि हो तो विष योग निर्मित होता है। शनि मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक लग्न में हो एवं कुण्डली में 8 वें स्थान पर राहु मौजूद हो तो भी यह विष योग निर्मित होता है।
प्रभाव- इस योग से व्यक्ति को जीवन में प्रत्येक क्षेत्र में अड़चनों एवं समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे माता को भी परेशानी होती है।
उपाय - हनुमानजी की उपासना करें, शनिवार को छाया दान 125000 महामृत्युंजय जाप करें या करवाएं। अपनी कुण्डली के अनुसार उपाय जानने हेतु भाविष्य दृष्टि ज्योतिष संस्थान से सम्पर्क करें।
अपनी कुण्डली के अनुसार उपाय जानने हेतु भाविष्य दृष्टि ज्योतिष संस्थान से सम्पर्क करें।
© Copyright 2018, All Rights Reserved, Bhavishya Drishti Jyotish Sansthan