विष दोष

पहचान -शनि और चंद्र की युति या शनि की चंद्र पर सप्तम दृष्टि हो तो विष योग निर्मित होता है। शनि मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक लग्न में हो एवं कुण्डली में 8 वें स्थान पर राहु मौजूद हो तो भी यह विष योग निर्मित होता है।

प्रभाव- इस योग से व्यक्ति को जीवन में प्रत्येक क्षेत्र में अड़चनों एवं समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे माता को भी परेशानी होती है।

उपाय - हनुमानजी की उपासना करें, शनिवार को छाया दान 125000 महामृत्युंजय जाप करें या करवाएं। अपनी कुण्डली के अनुसार उपाय जानने हेतु भाविष्य दृष्टि ज्योतिष संस्थान से सम्पर्क करें।

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