पहचान -जब किसी स्त्री कि कुण्डली में सप्तम भाव का स्वामी मंगल हो और इस पर शनि की तृतीय, सप्तम या दशम दृष्टि पड़े तो वैधव्य योग का निर्माण होता है।
प्रभाव- शादी के तुरंत बाद या कुछ समय बाद विधवा हो जाना वैधव्य दोष का प्रभाव हो सकता है।
उपाय -कन्या को मां गौरी की पूजा करनी चाहिए। विवाह से पहले कुंभ विवाह या विष्णु विवाह करना चाहिए। स्त्री का विवाह उस पुरुष के साथ करना चाहिए जिस कि पुरुष कि कुण्डली में दीर्घ आयु का योग निर्मित हों ।अपनी कुण्डली के अनुसार उपाय जानने हेतु भाविष्य दृष्टि ज्योतिष संस्थान से सम्पर्क करें।
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