पहचान -कुण्डली के किसी भाव में चंद्रमा या सूर्य के साथ राहु या केतु बैठे हों तो ग्रहण योग बनता है।
प्रभाव- ग्रहण दोष के कारण जातक की आत्मविष्वास कि या मानसिक स्थिति खराब हो सकती है। चन्द्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण दोष की अवस्था में जातक डर व घबराहट महसूस करता है। जातक के स्वभाव में चिड़चिड़ापन हो सकता है। माँ के सुख में कमी हो सकती है
उपाय -सूर्य की आराधना करें और जल चढ़ाएं। प्रतिदिन शिव जी का पूजन करें। एकादशी या प्रदोष का व्रत रखें।
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