पहचान -यह योग चन्द्रमा से बनने वाला सबसे बुरा दोष माना जाता है जब चन्द्रमा के दोनों और अर्थात चन्द्रमा से द्वितिय एवं द्वादष भाव में कोई ग्रह न हो, चन्द्रमा की किसी ग्रह से युति न हो और चन्द्रमा पर किसी भी शुभ ग्रह की दृष्टि न हो तो यह दोष बन जाता हैं
प्रभाव- केमद्रुम दोष के कारण जातक को धन आय क्षेत्र में कठिन संघर्ष एवं जीवन भर आर्थिक स्थिति खराब रह सकती है। यदि किसी की जन्म कुण्डली में केमद्रुम योग बन रहा है तो उसके भंग होने के योग भी कुण्डली में ही मौजूद होते हैं। अगर चंद्रमा से केन्द्र में कोई ग्रह हो तब यह योग भंग हो जाता है। यदि शुभ ग्रह चंद्रमा से केन्द्र में हो प्रबल रूप से भंग होता है, लेकिन जो योग बना है उसका कुछ फल तो जीवन में एक बार भोगना ही पड़ता है।
उपाय - यदि किसी जातक की कुण्डली में केमद्रुम योग बन रहा है तब इस योग की शांति करके इसके अशुभ फलों से बचा जा सकता है भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करें। हर शुक्रवार महालक्ष्मी को लाल गुलाब अर्पित करें। चंद्र संबंधित वस्तुओं का दान करें। प्रतिदिन माता के चरण स्पर्श करें । सोमवार को दूध, चावल या चीनी का दान करें। शरीर पर चांदी जरूर धारण करें । प्रतिदिन सायं समय “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः” का जाप करें। अपनी कुण्डली के अनुसार उपाय जानने हेतु भाविष्य दृष्टि ज्योतिष संस्थान से सम्पर्क करें।
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