पहचान -जब जातक कि कुण्डली में लग्न, पंचम एवं नवम भाव के कोई भी एक भाव के स्वामी छठे, आठवें या बारहवें स्थान पर बैठे हो, तो वह उस भाव के सभी प्रभावों को नष्ट कर देता है।
प्रभाव-भाव नाश योग जिस भाव स्वामी ग्रह के कारण निर्मित हो रहा है उस भाव के शुभ फल को नाष कर देता है।
उपाय - कुण्डली में जिस ग्रह को लेकर भावनाशक योग बन रहा है उससे संबंधित पूजन करना या करवाना चहिएं। प्रतिदिन दुर्गा जी की प्रतिमा या चित्र के सामने लाल चन्दन कि माला या स्फटिक कि माला से निम्न मंत्र का जाप करें। कुण्डली में जिस ग्रह को लेकर भावनाशक योग बन रहा है उस ग्रह से संबंधित ग्रह का रत्न धारण करें।अपनी कुण्डली के अनुसार उपाय जानने हेतु भाविष्य दृष्टि ज्योतिष संस्थान से सम्पर्क करें।
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