पहचान -जब कुण्डली के किसी भी भाव में बृहस्पति के साथ राहु या केतु विराजमान होते हैं, तब चांडाल योग का निर्माण होता है।
प्रभाव- गजिस जातक कि कुण्डली में चांडाल योग होता है उस व्यक्ति के शिक्षा, धन और चरित्र की स्थिति बहुत अच्छि नहीं होती है। चांडाल दोष के कारण जातक को बृहस्पति ग्रह एवं बृहस्पति अधिपत भाव का शुभ फल नहीं प्राप्त होता है। इस दोष के कारण जातक को पेट और सांस संबंधी रोग भी हो सकतें हैं। इस दोष के कारण जातक क्रूर, धूर्त, मक्कार, दरिद्र और कुचेष्टाओं वाला भी हो सकता है।
उपाय -विष्णु भगवान कि उपसना करें। पीली वस्तुओं का दान गुरुवार को ब्राह्मण को करना चाहिए। प्रतिदिन माथे पर केसर, हल्दी और चंदन का टीका लगाएं।
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