नक्षत्र फलम्

भारतीय ज्योतिष शस्त्र की 12 राशियों को 27 नक्षत्र में विभक्त किया गया है। मनुष्य जिस नक्षत्र में जन्म लेता है उसी नक्षत्र के अनुसार उसे स्वाभवगत फल प्राप्त होता है। जो कि निम्न प्रकार है।


  1. अश्विनी - अश्विनी नक्षत्र का जातक आकर्षक व्यक्तिव वाला, रूपवान वस्त्राभूषण वा अलंकार प्रेमी, कार्यदक्ष, विनयी, खूबसूरत, सुखी, सर्वप्रिय, बुद्धिमान एवं चतुर होगा ।

  2. भरणी - भरणी नक्षत्र का जातक दृढ निश्चय करके कार्य करने वाला, सत्यवादी, कुछ स्वार्थी, परदेश गमन करने वाला, आस्थिर-विचार वााला, पर स्त्री आसक्त, विवेकशील, सुखी जीवन यापन करने वाला होगा ।

  3. कृतिका - कृतिका नक्षत्र का जातक तेजस्वी, बुद्धिमान, पर स्त्री आसक्त, कठोर पीडा सहन करने वाला, शत्रुओं से पीडित, बहु-भोजी, आशावादी, रुचि के अनुसार भोजन करने वाला, तेजस्वी, एवं ख्यातिलब्ध होगा ।

  4. रोहणी - रोहणी नक्षत्र का जातक सत्यप्रेमी, दृढ निश्चय करके कार्य करने वाला, कामी, भोगी, कार्य करने मे कुशल, अच्छी स्मरण शक्ति वाला, मधुरवक्ता पवित्र कार्य करने वाला, स्थिर बुद्धि से युक्त एवं सुन्दर होगा।

  5. मृगशिरा - मृगशिरा नक्षत्र का जातक चंचल, विवेकी, कुछ स्वार्थी, सौम्य, सुवक्ता,धर्म-भीरु, मित्रवान, भ्रमणशीाल, साहसी, जल्दबाज, चतुर, उत्साही, धनी एवं शर्मीला होगा ।

  6. आद्र्रा - आद्र्रा नक्षत्र का जातक निर्दयी, चंचल, सामाजिक कार्य में अग्रसर, हंसमुख, दुसरो से ठग जाने वाला, अभिमानी, हिंसक, अधिक मित्र बनाने वाला एवं नास्तिक प्रकृति का होगा ।

  7. पुनर्वसु - पुनर्वसु नक्षत्र का जातक जितेन्द्रिय, सुशील, प्रसिद्ध, प्रतिष्ठावान, सर्वप्रिय, धार्मात्मा, परदेश गमन करने वाला, माता-पिता का भक्त रोगी एवं जितना प्राप्त होता है उसी से सन्तुष्ट रहने वाला होगा।

  8. पुष्य - पुष्य नक्षत्र का जातक धैर्यवान, दयालु, रूपवान, बुद्धिमान, ईश्वर भक्त, सत्य पे्रमी, शास्त्रानुसार कार्य करने वाला, अस्थावान एवं अधिक धनोपर्जन करने वाला होगा।

  9. आश्लेषा - आश्लेषा नक्षत्र का जातक सर्वभक्क्षी, आसत्यवादी, निर्दयी एहसान न मानने वाला, अपरिणामदर्शी, शत्रुजयी, निरंकुश एवं असन्तोषी होगा।

  10. मघा - मघा नक्षत्र का जातक दृढ आस्थावान, माता-पिता एवं बुजुर्गो की सेवा करने वाला, धनी, साहसी, स्त्री पर अतिशीघ्र असक्त होने वाला, चपल, नौकर-चाकरों का सुख प्राप्त करने वाला एवं हास-परिहास प्रेमी होगा।

  11. पूर्वाफाल्गुनी - पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का जातक मधुर वाणी बोलने वाला, दानवीर, सरूपवान, आकर्षक व्यक्तित्ववान, संगीत प्रेमी, पत्नी वशीभूत, सुहृदय वाला, भ्रमण प्रिय एवं राजकीय सेवा से युक्त होगा।

  12. उत्तरा फाल्गुनी - उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का जातक रूपवान,काव्य-संगीत प्रेमी, सर्वप्रिय, आकर्षक, श्रेष्ठ विद्याप्राप्त करने वाला एवं उसी (विद्या) क्षेत्र से धनोपार्जन करने वाला होगा।

  13. हस्त - हस्त नक्षत्र का जातक प्रतिभावान, सुन्दर नेत्रों वाला, मधपान करने वाला, निर्दय, उत्साही, झूठी प्रशंसा सुनने वाला एवं आसानी एवं आराम के तरीके से धनोर्पजन का शोकिन अर्थात् कम मेहनत से ज्यादा लाभ लेने वाला होगा।

  14. चित्रा - चित्रा नक्षत्र का जातक वस्त्राभूषण प्रेमी, धनी, सुन्दर नेत्रों वाला, सुन्दर सरूपवान, गणितज्ञ, प्रतिष्ठावान, चतुर, एवं भौतिक सुख प्राप्त करने वाला होगा।

  15. स्वाति - स्वाति नक्षत्र का जातक लाज्जावान, जितेन्द्रिय, कुशल व्यापारी, मधुरभाषी, आस्थावान, गुरु एवं ईश्वर भक्त, दयालु, दूसरों की मदद करने वाला एवं सामाजिक एवं धार्मिक कार्य प्रेमी होगा।

  16. विशाखा - विशाखा नक्षत्र का जातक लालची, सुन्दर दांतों वाला, शत्रुजयी, क्रोधी, अभिमानी, वाक चतुर, परदेश में निवास करने का इच्छुक, ईष्र्यालु एवं कंजूस होगा।

  17. अनुराधा - अनुराधा नक्षत्र का जातक दृढ शरीर वाला, हास परिहस प्रिय, यशस्वी, प्रिय भाषी, भूखसहन न करने वाला, धनवान जन्म स्थान से दूर रहने वाले, भ्रमण प्रिय एवं अधिक मात्रा में भोजन करने वाला होगा।

  18. ज्येष्ठा - ज्येष्ठा नक्षत्र का जातक सदैव प्रसन्न रहने वाला, सुन्दर सरूपवान, सुन्दर नेत्रों वाला, न्याय प्रिय, चतुर, कभी-कभी पर स्त्री पर आसक्त, षडयन्त्र रचने में निपुण, सन्तोषी, क्रोधी, एवं धार्मिक प्रकृति का होगा।

  19. मूल - मूल नक्षत्र का जातक दृढ प्रतिज्ञावान, प्रकृति से प्रेम करने वाला, वाक चतुर, अभिमानी, धनवान, सुखी जीवन बिताने वाला, अहिंसा प्रेमी एवं स्थिर बुद्धि वाला होगा।

  20. पूर्वा आषाढा - पूर्वा आषढा नक्षत्र का जातक सुन्दर एवं श्रेष्ठ पत्नी से युक्त, चतुर, परोपकारी, सत्यनिष्ठ, आज्ञाकारी, ईमानदार, सम्मानीय एवं जिम्मेदारी के प्रति समर्पित होगा।

  21. उत्तरा आषढा - उत्तरा आषढा नक्षत्र का जातक आस्थावान, स्त्री वशीभूत, शान्त, विनीत, विनम्र, धार्मिक, विद्धान, शिष्टाचारी, अधिक मित्र प्रेमी, कृतज्ञ एवं समाज में प्रिय और ख्यातिलब्ध होगा।

  22. श्रवण - श्रवण नक्षत्र का जातक प्रसिद्ध, सद्विवेकी, गुरु एवं ईश्वर भक्त, धनी, तीर्थ-सेवी, बुद्धिमान, भाग्यशाली भौतिक सुविधा समपन्न जीवन जीने वाला, शास्त्रज्ञाता, निष्ठावान एवं विख्यात होगा।

  23. धनिष्ठा - धनिष्ठा नक्षत्र का जातक लम्बे कद वाला, प्रसिद्ध, बडे परिवार वाला, साहसी, निर्णय लेने में चतुर, धनवान, कला प्रेमी एवं लोभी(लालची) प्रकृति का होगा।

  24. शतभिषा - शतभिषा नक्षत्र का जातक बहुत अधिक बोलने वाला, साहसी, ज्योतिष शास्त्र प्रेमी, स्पष्टवादी, जुआरी, शत्रु विनाशक, आत्मविश्वासी, परस्त्रीगामी, एवं भौतिक सुख-सुविधा का अभावपूर्ण जीवन जीवन जीने वाला होगा।

  25. पूर्वाभाद्रपद - पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का जातक धनी, अच्छी मनोवृति वाला, मनोकुल कार्य करने वाला, अधिक चिंता करने वाला, दुःखी, स्त्री के वश में रहने वाला, निर्बल एवं अहसान न मानने वाला होगा।

  26. उत्तराभाद्रपद - उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का जातक सुडोल शरीर वाला, कार्यनिष्ठ, सुकर्मो में सहयोगी, शास्त्रानुसार कार्य करने वाला, सुखी, , सुशील, धर्मिक, सुवक्ता दीर्घायु एवं अत्याधिक धार्मिक प्रकृति के होते है।

  27. रेवती - रेवती नक्षत्र का जातक साहसी, सर्वप्रिय, कुशाग्र-बुद्धि वाला, उपदेश देने वाला, चतुर, आकर्षक, सुन्दर, समाज में प्रतिष्ठावान, धैर्यवान एवं धनी होगा।
टिप्पणी नक्षत्र सम्बन्धी फल तब पूर्णरूपी फलित होता है जब चन्द्रमा पूर्ण बली हो। नक्षत्र फल से ज्यादा प्रभावी राशि एवं जन्म कुण्डली फल होता है।