चौघडिया किसी भी दिन का वो शुभ समय है जिसमें हम शुभ कार्य करने का विचार करते है एसा मनना है कि जब हमें कोई शुभ कार्य अचानक करना हो ओर हमें कोई शुभ मुहूर्त तक रुकने का समय न हो तब शुभादि चौघडिया का विचार करके शुभ कार्य जैसे यात्रा प्रारंभ करना, वाहन, स्वर्णादि अभुषण खरिदना, युद्ध में जाना आदि। हम कोई भी नया काम प्रारंभ करने से पहले शुभादि चौघडिया समय अवश्य देखना चाहिएं। एक चौघडिया 4 घटी (लगभग 96 मिनट) की होती है। चौगडिया शब्द दो शब्दों से मिल कर बनाहै एक चौ, यानी चार और घडिया, यानी घटी। भारतीय पंचाग गणित के अनुसार प्रत्येक घटी 24 मिनट की होती है। सूर्योदय से सूर्यास्त के दिन को 30 घटियां का होता हैं 4 घटी के अनुसार दिन को विभाजित करने से 8 दिन कि चौगडिया और 8 रात कि चोगडिया हैं। एक चोगडिया लगभग 1.5 घंटे तक रहती है।
किसी भी दिन का पहली चौगडिया दिन के देवता अनुसार होती है। फिर उसी चौगडिया के क्रमानुसार चौगडिया चलती है। समझने हेतु नीचे देखें।
रविवार - सूर्य, सोमवार - चंद्रमा, मंगलवार - मंगल,
बुधवार - बुध, गुरुवार - बृहस्पति, शुक्रवार - शुक्र, शनिवार - शनि
अमृत, शुभ, लाभ एवं चर को शुभ चौघडिया माना जाता है एवं उदवेग, काल एवं रोग को अशुभ चौघडिया माना जाता है।
अमृत - अमृत चौगडिया का देवता चन्द्रमा है अमृत चौगडिया लाभ दायक चौगडिया जो सभी शुभ कार्यों के लिए लाभदायक व अच्छी है।
शुभ - शुभ चौगडिया का देवता बृहस्पति है। सभी शुभ अवसरों एवं विवाहादि के लिए के लाभदायक व अच्छी है।
लाभ - लाभ चौगडिया के देवता बुध है। लाभ चौगडिया कला कौशल, शिक्षा नई योजन के लिए लाभदायक व अच्छी है।
चर - चर चौगडिया के देवता शुक्र है। चर चौगडिया यात्रा, दुकान खोलने, वाहन लेने व वाहन पूजन के लिए लाभदायक व अच्छी है।
उद्वेग - उद्वेग चौघड़िया के देवता सूर्य है। उद्वेग अशुभ चौगडिया है ये चौगडिया शुभ कार्य के लिए त्याज है।
काल - काल चौगडिया के देवता शनि है। काल अशुभ चौगडिया है ये चौगडिया शुभ कार्य के लिए त्याज है।
रोग - रोग चौगडिया के देवता मंगल है। रोग अशुभ चौगडिया है ये चौगडिया शुभ कार्य के लिए त्याज है।
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